सूर्य देव

सूर्य देव
October 02, 2025
Dieties/devta gan
1 min read

सूर्य देव

सूर्य केवल प्रकाश और ऊर्जा का स्रोत ही नहीं है, बल्कि हिंदू परंपरा में इसे देवता के रूप में पूजा जाता है। सूर्य देव को स्वास्थ्य, शक्ति और समृद्धि का दाता माना गया है। कई लोग सुबह-सुबह जल अर्पित कर या सूर्य नमस्कार कर दिन की शुरुआत करते हैं, जिससे आशीर्वाद और नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है। सूर्य सत्य, ज्ञान और उस अनंत शक्ति का प्रतीक है जो पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखती है।
सूर्य देव

सभ्यताओं के आरम्भ से ही सूर्य (सूर्य देव) को जीवनदाता, साक्षी और ऊर्जा का परम स्रोत माना गया है। प्राचीन भारतीय ग्रंथों में सूर्य के बारे में कई बातें लिखी गई थीं जिन्हें कभी केवल धार्मिक प्रतीक या कल्पना माना जाता था। लेकिन आधुनिक विज्ञान ने इनमें से कई तथ्यों को सही साबित किया है। यह दिखाता है कि हमारे पूर्वज सूर्य की शक्ति और उसके प्रभाव को गहराई से समझते थे।

1. सूर्य के सात घोड़े = प्रकाश का स्पेक्ट्रम

चित्रों में सूर्य के रथ को सात घोड़ों द्वारा खींचा जाता है। यह प्रतीक दरअसल प्रकाश के सात रंगों (VIBGYOR) को दर्शाता है। न्यूटन से बहुत पहले ही हमारे ऋषि यह रहस्य जानते थे कि सूर्य की रोशनी सात रंगों में बंटती है।

2. सूर्य — जीवन का स्रोत

ऋग्वेद में सूर्य को “प्राण” कहा गया है। आज विज्ञान कहता है कि सूर्य की रोशनी से ही पौधों में प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) होता है, जिससे ऑक्सीजन और अन्न पैदा होते हैं। बिना सूर्य के पृथ्वी पर जीवन असंभव है।

3. सूर्यप्रकाश और मानव स्वास्थ्य

प्राचीन परंपरा में प्रातःकालीन सूर्य स्नान और सूर्य नमस्कार का महत्व बताया गया है। आज चिकित्सा विज्ञान मानता है कि सूर्यप्रकाश —

शरीर को Vitamin D देता है,

नींद-जागरण की लय (Circadian Rhythm) को ठीक करता है,

और कई रोगों जैसे पीलिया, डिप्रेशन व त्वचा रोगों के इलाज में मदद करता है।

4. सूर्य — सबका साक्षी

शास्त्रों में सूर्य को “सर्वज्ञ साक्षी” कहा गया है। आज उपग्रह (Satellites), जो सूर्य की ऊर्जा से चलते हैं, पृथ्वी का हर कोना देखते और जानकारी इकट्ठा करते हैं — खेती से लेकर मौसम और शहरों तक।

5. ग्रहण — राहु, केतु और खगोलशास्त्र

कथाओं में राहु-केतु को सूर्य निगलते हुए बताया गया है। परंतु आर्यभट जैसे वैज्ञानिकों ने 5वीं सदी में ही समझा दिया था कि ग्रहण पृथ्वी और चंद्रमा की छाया से होता है।

6. सूर्य चक्र और खेती

मकर संक्रांति जैसे पर्व सूर्य के उत्तरायण होने पर मनाए जाते हैं। किसान हमेशा फसल बोने और काटने का समय सूर्य की गति से जोड़ते थे। आज विज्ञान भी मानता है कि सूर्य के 11-वर्षीय चक्र से मानसून और वर्षा प्रभावित होते हैं।

7. सूर्य की असीम ऊर्जा

वेदों में सूर्य की ऊर्जा को अनंत कहा गया है। आधुनिक विज्ञान कहता है कि सूर्य 5 अरब साल तक और जलेगा — जो मानव सभ्यता के लिए असीमित है। आज सौर ऊर्जा (Solar Energy) पूरी दुनिया में भविष्य की सबसे बड़ी ऊर्जा बन रही है।

8. सूर्य का प्रकोप — सौर तूफान

कुछ ग्रंथों में सूर्य के क्रोध से धरती पर विपत्ति आने का वर्णन है। विज्ञान ने इसे सौर तूफान (Solar Storms) और फ्लेयर्स के रूप में पाया है, जो उपग्रह, बिजली ग्रिड और संचार को बिगाड़ सकते हैं।

9. सूर्य मंदिर — प्राचीन वेधशाला

कोणार्क (ओडिशा) और मोधेरा (गुजरात) जैसे मंदिर इस तरह बनाए गए हैं कि विषुव (Equinox) और संक्रांति पर सूर्य की किरणें गर्भगृह की मूर्ति पर सीधे पड़ें। ये मंदिर आस्था और खगोल विज्ञान का सुंदर संगम हैं।

10. सूर्य और ब्रह्मांडीय हवाएँ

उपनिषदों में सूर्य को ब्रह्मांडों को जोड़ने वाला द्वार कहा गया है। आज विज्ञान जानता है कि सूर्य से लगातार “Solar Wind” निकलती है, जो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराकर औरोरा (उत्तर/दक्षिणी रोशनी) बनाती है।

11. सूर्य और समय की लय

सूर्य का उदय-अस्त ही मनुष्यों की दिनचर्या, पूजा और कैलेंडर का आधार रहा है। आज विज्ञान कहता है कि सूर्यप्रकाश ही हमारी जैविक घड़ी (Biological Clock) को नियंत्रित करता है।

12. सूर्य और प्रतिरोधक शक्ति

आयुर्वेद में सूर्य को “ओजस” यानी रोग प्रतिरोधक शक्ति से जोड़ा गया है। विज्ञान कहता है कि सूर्य से मिलने वाला Vitamin D हमारी इम्यूनिटी बढ़ाता है और कई बीमारियों से बचाता है।

निष्कर्ष

जो बातें कभी केवल धार्मिक प्रतीक या मिथक मानी जाती थीं, आज विज्ञान उन्हें सही ठहरा रहा है। सात रंगों की किरणों से लेकर सौर हवाओं तक, नींद-जागरण की लय से लेकर सौर ऊर्जा तक — सूर्य देव सचमुच दिव्यता और विज्ञान का संगम हैं।